The Licence Was Cancelled: सहकारी बैंक पर आरबीआई का एक्शन

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The Licence Was Cancelled: सहकारी बैंक पर आरबीआई का एक्शन

रिजर्व बैंक ने फिर से एक सहकारी बैंक के ऊपर कड़ी कार्रवाई की है. यह कार्रवाई हुई है कर्नाटक स्थित सहकारी बैंक शीम्श सहकारा बैंक नियमित (Shimsha Sahakara Bank Niyamitha) के ऊपर, जिसमें सेंट्रल बैंक के द्वारा उसका लाइसेंस कैंसिल कर दिया गया है.

इस कारण कैंसिल हुआ लाइसेंस

रिजर्व बैंक ने इस बारे में एक बयान जारी कर जानकारी दी. उसने कहा कि कर्नाटक के मद्दुर में स्थित सहकारी बैंक का लाइसेंस शुक्रवार 5 जुलाई 2024 को बिजनेस बंद होने के बाद कैंसिल कर दिया गया है. मतलब अब Shimsha Sahakara Bank Niyamitha का बैंकिंग बिजनेस बंद हो गया है. रिजर्व बैंक का कहना है कि उसने यह एक्शन सहकारी बैंक की खराब होती वित्तीय स्थिति के कारण लिया है. आरबीआई का कहना है कि सहकारी बैंक के पास पर्याप्त पूंजी नहीं है और उसके पास कमाई करने की संभावनाएं भी नहीं दिख रही हैं.

शुरू हुई लिक्विडेशन की प्रक्रिया

आरबीआई के द्वारा लाइसेंस कैंसिल किए जाने के बाद सहकारी बैंक के लिक्विडेशन की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है. कनार्टक के रजिस्ट्रार ऑफ को-ऑपरेटिव सोसायटीज ने Shimsha Sahakara Bank Niyamitha को बंद करने और उसके लिए लिक्विडेटर को नियुक्त करने का आदेश जारी किया है.

ऐसे जमाकर्ताओं को हो सकता है नुकसान

बैंक का लाइसेंस कैंसिल होने के बाद उसके ग्राहकों खासकर जमाकर्ताओं को नुकसान उठाना पड़ सकता है. लिक्विडेशन होने पर सहकारी बैंक के सभी जमाकर्ताओं को डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कोऑपरेशन (डीआईसीजीसी) से 5 लाख रुपये तक का भुगतान मिलेगा. इसका मतलब हुआ कि सहकारी बैंक में जिन जमाकर्ताओं के अकाउंट में 5 लाख रुपये तक जमा हैं, उनके पैसे सुरक्षित हैं, लेकिन उससे ज्यादा डिपॉजिट वालों को नुकसान उठाना पड़ेगा.

99.96 फीसदी जमाकर्ताओं के पैसे सुरक्षित

आरबीआई के पास बैंक के द्वारा जमा किए गए आंकड़ों के अनुसार, करीब 99.96 फीसदी जमाकर्ताओं के पैसे सुरक्षित हैं और उन्हें कोई नुकसान नहीं उठाना होगा. यानी 99.96 फीसदी जमाकर्ताओं के अकाउंट में 5 लाख रुपये से कम जमा हैं. 31 मार्च 2024 तक डीआईसीजीसी के द्वारा पहले ही जमाकर्ताओं के जमा पैसे के बीमा के एवज में 11.85 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है.