Death in Police Custody : थाने में आदिवासी ने फांसी लगाई, थानेदार सहित 4 सस्पेंड!

आदिवासी संगठनों ने पुलिसवालों के खिलाफ केस दर्ज करने की मांग की!

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Death in Police Custody : थाने में आदिवासी ने फांसी लगाई, थानेदार सहित 4 सस्पेंड!

Khandwa : बाइक चोरी के आरोप में जिले के पंधाना थाने के लॉकअप में बंद एक आदिवासी युवक ने फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। उसने कंबल से फंदा बनाया और लोहे के एंगल में बांधकर लटक गया। पुलिस ने उससे 3 बाइक भी जब्त की थी। घटना कल देर रात की बताई जा रही है।

खंडवा के गांव दीवाल निवासी धर्मेंद्र पिता गुमान (32 वर्षीय) को पंधाना पुलिस ने बाइक चोरी के मामले में गिरफ्तार किया था। पुलिस ने पूछताछ कर उससे तीन बाइक जब्त की थीं। उसे लॉकअप में रखा गया था, जहां उसने कंबल से फंदा बनाकर अपनी जान दे दी।

घटना की जानकारी लगते ही पुलिसकर्मी उसे लेकर जिला अस्पताल पहुंचे। यहां उसे डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया। एएसपी राजेश रघुवंशी ने बताया कि धर्मेंद्र को बाइक चोरी के मामले में गिरफ्तार किया था। उसके पास से चोरी की बाइक भी मिली हैं। आदिवासी युवक की मौत के बाद जिला अस्पताल के परिसर में डीएसपी एडिशनल एसपी और पुलिस फोर्स बढ़ा दिया गया है।

चार पुलिसकर्मी सस्पेंड
इस घटना के बाद 4 पुलिसकर्मी सहित थानेदार को सस्पेंड किया गया है। घटना को लेकर खंडवा-खरगोन के आदिवासी संगठन एक्टिव हो गए हैं। जय टंट्या भील आदिवासी युवा संगठन ने जिम्मेदार पुलिसकर्मियों के खिलाफ केस दर्ज करने की मांग की है। इसके अलावा मृतक के परिवार को एक करोड़ की सहायता राशि के साथ परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी की भी मांग की है।

पुलिस वालों ने मारकर टांगा
धर्मेंद्र की पत्नी रानू बाई का कहना है कि हम लोग शाम को घर पर थे। उस समय पति सो रहे थे, तभी सिविल ड्रेस में कुछ पुलिसकर्मी आए और उन्हें बांह पकड़कर ले गए। हम लोगों को तीन दिन से मिलने तक नहीं दिया गया। उनका मोबाइल भी पुलिस के पास ही था। रानू का आरोप है कि मेरे पति धर्मेद्र ने सुसाइड नहीं किया है, उसे मारकर पुलिस वालों ने फांसी पर लटका दिया।

मिस्त्री था मृतक आदिवासी
धर्मेंद्र अपने ससुराल में रहकर राजमिस्त्री का काम करता था। वह खरगोन जिले का रहने वाला था। चोरी की वारदात को लेकर पुलिस को उस पर शंका थी। मजिस्ट्रेट की निगरानी में डॉक्टर का पैनल पोस्टमार्टम कर रहा है। भारी पुलिस बल भी मोर्चरी के बाहर तैनात किया गया है। वहीं बड़ी संख्या में ग्रामीणों सहित आदिवासी समाज के लोग भी इकट्ठा हो गए।