Many Branches of FIITJEE Closed : कई जगह फिटजी कोचिंग सेंटर बंद, फीस वापसी को लेकर शिकायतें दर्ज!

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Many Branches of FIITJEE Closed : कई जगह फिटजी कोचिंग सेंटर बंद, फीस वापसी को लेकर शिकायतें दर्ज!

प्रबंधन में वित्तीय चूक और फ्रेंचाइजी के साथ विवाद के कारण सेंटर बंद हुए!

New Delhi : उत्तर भारत के कई शहरों में फिटजी कोचिंग सेंटर की कई ब्रांच बंद हो गई। इनमें दिल्ली-एनसीआर की ब्रांचें हैं। इन ब्रांच के अचानक बंद होने से सैकड़ों अभिभावकों में गुस्सा है। उन्होंने कोचिंग सेंटर से फीस वापसी की मांग करते हुए पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। रिपोर्ट के अनुसार फिटजी के 41 शहरों में 72 केंद्र हैं और 300 से अधिक कर्मचारी हैं। प्रबंधन में कथित वित्तीय चूक और फ्रेंचाइजी केंद्र प्रमुखों के साथ विवाद के कारण उथल-पुथल है।

गुरुवार को नोएडा के एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि कोचिंग सेंटर की कई शाखा बंद हो गई। उन्होंने कहा कि इसके पीछे का कारण ये है कि संस्थान वित्तीय संकट और लाइसेंसिंग और अग्नि सुरक्षा नियमों के उल्लंघन में फंसा है। उस पर प्रशासनिक कार्रवाई की गई है।

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फिटजी के नोएडा, गाजियाबाद, मेरठ और भोपाल जैसे शहरों में ब्रांच बंद हुए, जहां के अभिभावकों ने कई पुलिस शिकायतें दर्ज कराई हैं। उन्होंने कहा कि जब सेंटर ही बंद हो गया है तो कंपनी वालों को हमारी फीस वापस करनी चाहिए।

साउथ दिल्ली का सेंटर भी बंद

आईआईटी-दिल्ली के पास कालू सराय में कोचिंग संस्थान के नामी दक्षिण दिल्ली शाखा को टीचर्स के पलायन के कारण कुछ कक्षाएं निलंबित करने पर मजबूर होना पड़ा है। इन टीचर्स को कथित तौर पर कई महीनों से वेतन नहीं दिया गया था।

गुरुवार को नोएडा सेक्टर-58 में भी सेक्टर 26 में फिटजी सेंटर को फीस वापस किए बिना बंद करने के बाद पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई। हाल ही में 4 लाख रुपए की फीस जमा करने वाले एक अभिभावक ने कहा कि एक शिक्षक ने फीस वापस नहीं की है। फिटजी के शिक्षक ने हमें बताया कि अधिकांश संकाय सदस्य इसलिए छोड़ रहे हैं क्योंकि उन्हें कई महीनों से वेतन नहीं मिला है।

अभिभावकों का विरोध प्रदर्शन

गाजियाबाद के जिला विद्यालय निरीक्षक धर्मेंद्र शर्मा ने हाल ही में अपंजीकृत संस्थानों के खिलाफ उत्तर प्रदेश कोचिंग विनियमन अधिनियम 2002 के तहत शुरू किए गए नए अभियान का जिक्र किया था। जबकि, सोशल मीडिया पर संस्थान की अब बंद हो चुकी शाखाओं और पुलिस थानों के बाहर अभिभावकों के विरोध प्रदर्शन के वीडियो की बाढ़ आ गई है। कंपनी के शीर्ष प्रबंधन और अवैतनिक संकाय सदस्यों द्वारा जारी किए गए कई वीडियो भी सामने आए हैं। ऐसा लगता है कि यह संकट 22, 23 और 24 जनवरी को जेईई मेन्स के सत्र-1 में बैठने वाले छात्रों के लिए शैक्षणिक सत्र की समाप्ति के ठीक बाद शुरू हुआ है।